Sunday, July 13, 2008


मेरा जन्म हिमाचल के सोलन जिले की नालागढ़ तहसील के दूर दराज गाँव मित्तियाँ में हुआ था. उस समय नालागढ़ तहसील पंजाब के अंबाला जिले का एक भाग था. यह नालागढ़ तहसील के काला पानी के नाम से प्रसिद्ध था. उस समय किसी कर्मचारी को सज़ा देने के लिए तीन "एम" प्रसिद्ध थे, मांगल, मित्तियाँ, और मलौन. आज हालात बदल गये हैं. मांगल में जे पी ग्रुप ने सीमेंट प्लांट लगाया है. मुझे स्कूल में कब दाखिल किया गया, याद नहीं. अध्यापक हमारे ही घर में परिवार के सदस्या की तरह ही रहते थे. पिताजी ने उनसे किराया कभी नहीं लिया और उन्होंने कभी फीस नहीं ली. मेरी जन्म तिथि 6 जुलाई 1959 है. हमारे यहाँ आम तौर पर बच्चों को 6 साल का होने पर ही स्कूल में दाखिल करते थे. वैसे तो दाखिले अप्रैल महीने में होते हैं किंतु में 6 साल का 6 जुलाई को होना था. 1 जुलाई से 31 अगस्त तक छुट्टियाँ होती थी. उस समय पिता जी ने अक्तूबर तक नवरात्रों का इंतज़ार किया. उस वक्त जन्म प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं होती थी. दाखिला 10 अक्तूबर को करवाया, तो अध्यापक ने जन्म तिथि भी 10 अक्तूबर ही लिख दी और वही अब प्रामाणिक जन्मतिथि बन गयी है. इसलिए अब मुझे अपना जन्मदिन साल में दो बार मनाना पड़ता है, 6 जुलाई को घर में और 10 अक्तूबर को ऑफीस में.

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